News Haryana Today | हरियाणा विधानसभा के लिए चंडीगढ़ में अलग से जमीन दी जाएगी | Haryana News |

हरियाणा विधानसभा के लिए चंडीगढ़ में अलग से जमीन दी जाएगी


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News Haryana Today: हरियाणा विधानसभा के लिए चंडीगढ़ में अलग से जमीन दी जाएगी। राजस्थान में चल रही उत्तर क्षेत्रीय परिषद की बैठक के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यह घोषणा की। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के आग्रह पर केंद्र सरकार ने हरियाणा को यह सौगात दी है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के आग्रह पर केंद्र सरकार ने हरियाणा को बड़ी सौगात दी है। मुख्यमंत्री मनोहरलाल के आग्रह पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने हरियाणा के अतिरिक्त विधानसभा भवन के लिए जमीन देने की घोषणा की है। चंडीगढ़ में हरियाणा को ये ज़मीन दी जाएगी। 

राजस्थान में चल रही उत्तर क्षेत्रीय परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हरियाणा के संदर्भ में कई मुद्दे उठाएं, जिनमें से एक मुद्दा अलग विधानसभा को लेकर भी था। मुख्यमंत्री की इस मांग को अब वह गृहमंत्री ने मंजूरी दे दी है। हरियाणा के पंजाब से अलग होने के बाद चंडीगढ़ विधानसभा परिसर में पंजाब और हरियाणा दोनों की ही विधानसभाओं की बैठकें होती हैं। हरियाणा पिछले लंबे समय से अलग विधानसभा की मांग कर रहा है। इससे पहले भी मुख्यमंत्री मनोहर लाल कह चुके हैं कि हरियाणा की अलग से विधानसभा बनने के बावजूद संयुक्त विधानसभा के जिस हिस्से में हरियाणा का अधिकार है, उसको खाली नहीं किया जाएगा। वहां पर हरियाणा सरकार से जुड़े अलग-अलग कार्यालय और उनसे संबंधित अधिकारी के कार्यालय को खोला जाएगा। News haryana today

राजस्थान में चल रही इस बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने पंजाब और हरियाणा के बीच पिछले लंबे समय से चल रहे सतलुज यमुना लिंक विवाद का मुद्दा भी उठाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद पंजाब अपने हिस्से की नहर नहीं बना रहा है। 212 किलोमीटर लंबी नहर में हरियाणा अपने हिस्से की 91 किलोमीटर की नहर बना चुका है, पंजाब को अपने हिस्से की नहर बनवाकर पानी देना है। आपको बता दें कि साल 1966 में पंजाब से जब हरियाणा राज्य अलग हुआ तब यह विवाद पैदा हुआ। 10 साल से लंबे विवाद के बाद 1976 में दोनों राज्यों के बीच जल बंटवारे को लेकर अंतिम रूप दिया गया और इसी के साथ सतलुज यमुना नहर बनाने की बात की गई। News Haryana Today

24 मार्च 1976 को केंद्र सरकार ने पंजाब के 7. 2 MAF पानी में से 3.5 MAF हरियाणा को देने की अधिसूचना जारी की थी। इसके बाद साल 1981 में समझौता हुआ और 8 अप्रैल 1982 को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने एसवाईएल का उद्घाटन किया। 1990 में नहर से जुड़े एक मुख्य इंजीनियर और एक अधीक्षण अभियंता को आतंकवादियों ने मार दिया था। नहर के पानी के चलते हरियाणा सरकार ने 1996 में सुप्रीम कोर्ट में दस्तक दी थी, इसके बाद 15 जनवरी 2002 को सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब को SYL बनाने का निर्देश दिया था। रिपोर्ट के खिलाफ 4 जून 2004 को पंजाब सरकार ने अपनी याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था।


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